लेखिका – डॉ विदुशी अग्रवाल:
मस्जिद नही गिरी, मंदिर ऊपर आया है।
सिर्फ एक गवाही पड़ी बाबरी मस्जिद पर भारी और हुआ भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण
महान संत जगतगुरु श्री रामभद्राचार्य जी ने रामलला के पक्ष में वेद पुराण से ४४१ प्रमाणों को प्रस्तुत करके पूरा case ही सनातनियों के पक्ष में पलट दिया।
कोठारी बंधुओं और अन्य कार सेवकों का बलिदान व्यर्थ नहीं हुआ जिनपर मुलायम सिंह की सरकार ने अंधाधुंद गोली चलाने का आदेश दिया था।
१९९२ में बाबरी मस्जिद को गिराया गया, इसमें श्री बालासाहेब ठाकरे ने कहा था – उनका हाथ नही पूरा पांव है।
मान्यता है कि श्री राम और सीता माता के पुत्र कुश ने हजारों साल पहले अयोध्या में लगभग ३००० मंदिरों का निर्माण करवाया था। समय के साथ मंदिरों की हालत खराब होने लगी, तब ५०० BC में उज्जैन के राजा श्री विक्रमादित्य ने इनका जीर्णोधार करवाया।
२००० साल के बाद – १५२८ में बाबर ने मंदिर तुड़वाकर यहां मस्जिद का निर्माण करवा दिया।
१७१७ में जयपुर के राजा श्री जयसिंह द्वितीय ने मस्जिद के पास चबूतरे में श्री रामलला की मूर्ति स्थापित करवाई जिससे सभी सनातनी वहां पूजा कर सकें।
इसके बाद १८१३ में पहली बार सनातनियों ने दावा किया कि यहां मंदिर तोड़कर बाबर ने मस्जिद बनवाई थी। अंग्रेजी शोधकर्ताओं ने भी इसे स्वीकारा।
इसके बाद १८८५ में पहली बार निर्मोही अखाड़े द्वारा कोर्ट में मामला पहुंचा और १३४ वर्षों तक संवैधानिक तरीके से लड़ाई लड़ने के बाद २०१९ में सुप्रीम कोर्ट ने इसे राम जन्मभूमि घोषित कर दिया और २२ जनवरी को विश्व का सबसे भव्य श्री राम मंदिर बनने जा रहा है।
श्री राम मंदिर का निर्माण सरकार के पैसों से नही बल्कि समर्पण निधि से हो रहा है। यह वही समर्पण निधि है जो भारत के हर गृह, गांव और शहर से लोगों ने अपनी स्वेच्छा से दिया है श्री राम भवन निर्माण हेतु।
ये महान अभियान १५ जनवरी २०२१ से २७ फरवरी २०२१ तक चलाया गया था जिससे ५५०० करोड़ समर्पण निधि एकत्रित हुई। इसमें से लगभग १८०० करोड़ समर्पण निधि मंदिर के निर्माण में लगे हैं।
१४ जनवरी मकर संक्रांति के दिन आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आवाहन पर देश में सभी बड़े मंदिरों में और तीर्थ स्थलों में सफाई अभियान चलेगा, १५ को राम लला के बाल रूप को गर्भ गृह में स्थापित किया जाएगा
१६- १९ जनवरी तक विभिन्न प्रकार के शास्त्रों के अनुसार यज्ञ और पूजन होगा
२० को राम लला के गर्भ को ८१ कलशों के जल से पवित्र किया जाएगा और फिर वास्तु शांति अनुष्ठान होगा।
२१ जनवरी को विशेष यज्ञ द्वारा पूजन के बीच राम लला का १२५ कलशों के पवित्र जल से दिव्य स्नान होगा।
२२ जनवरी को मध्यकाल में करीब १२.३० मिनट पर राम लला की प्राणप्रतिष्ठा अभिजीत मुहूर्त में नक्षत्र मृगशिरा में नवनिर्मित मंदिर में विराजमान होंगे।
श्री राम मंदिर की प्रथम आरती के लिए जोधपुर से घी भेजा गया है जो १०८ रथों से अयोध्या २१, दिनों में पहुंचेगा।
२५००० हवन कुंडों से किया जाएगा राम मंदिर का उद्घाटन
१ kg सोना और ७ किलो चांदी से तयार हुई है श्री राम की चरण पादुका
भगवान श्री राम के कुछ अनसुनी / कमसुनी कहानियां
निम्न लिखित सारी जानकारी फर्स्ट हैंड जानकारी है – जो मैने स्वयं इन जगहों पर जाकर एकत्रित की है।
श्रीराम के माता-पिता एवं भाइयों के बारे में तो प्रायः सभी जानते हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को यह मालूम है कि श्री राम जी की एक बहन भी थी जिनका नाम शांता था। वो चारों भाइयों से आयु में काफी बड़ी थीं। उनकी माता कौशल्या थींl
उनका विवाह ऋषि श्रृंगी से हुआ था, जिन्होंने आगे चलकर राजा दशरथ और उनकी तीनों पत्नियों से पुत्रेष्टि यज्ञ यज्ञ करवाया था। इसी यज्ञ ही फलस्वरूप श्री राम और उनके तीनों भाइयों का जन्म हुआ था।
श्रृंगी ऋषि ने यह यज्ञ बिहार के लखीसराय जिले में ऋषि श्रृंगी धाम आश्रम में किया था। चारो भाइयों का मुंडन भी वहीं कराया गया था।
यज्ञ के बाद ऋषि अयोध्या में आकर समाधि में लीन हो गए। अयोध्या की ८४ कोस की यात्रा में करीब आधा पौना घंटे की दूरी पर सरयू के मनोरम तट पर आज भी ऋषि श्रृंगी और मां शांता की समाधि विद्यमान है।
यदि आप अयोध्या जाएं तो श्रृंगी ऋषि और मां शांता की समाधि पर अवश्य जाएं जिनके कारण श्री राम और उनके भाईयो का इस धरती पर पदार्पण हुआ था।
श्रृंगी ऋषि सप्तऋषियों मेंं से एक है शृंगी ऋषि ही थे । सिहावा की पहाड़ियों पर , ‘महेन्द्र गिरि’ के नाम से प्रसिद्ध पर्वत पर श्रृंगी ऋषि’ का आश्रम आज भी है।
कुछ और रोचक जानकारियां
१. केवल ओरछा में ही भगवान राम को राजा राम संबोधित किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीराम के दो निवास खास हैं. भगवान दिनभर ओरछा में रहने के बाद शयन के लिए अयोध्या चले जाते हैं. प्रतिदिन रात में ब्यारी (संध्या) की आरती होने के बाद ज्योति निकलती है. जो कीर्तन मंडली के साथ पास ही पाताली हनुमान मंदिर ले जाई जाती है. मान्यता है कि ज्योति के रूप में भगवान श्रीराम को हनुमान मंदिर ले जाया जाता है. जहां से हनुमान जी शयन के लिए भगवान श्रीराम को अयोध्या ले जाते हैं और प्रातःकाल पुनः ओरछा ले कर आते हैं।
२. आगरा के रुनकता क्षेत्र के गांव सिंगना में भी श्रृंगी ऋषि का आश्रम है । इस गांव के लोग भगवान राम को मामा कहकर बुलाते है. भगवान राम को मामा कहने का कारण है कि राजा दशरथ की पुत्री यानी भगवान की बहन शांता कुमारी का विवाह ऋषि श्रृंगी के साथ हुआ था.
३. रामायण के हर 1000 श्लोक के बाद आने वाले पहले अक्षर से गायत्री मंत्र बनता हैl
जय जय सिया राम
सभी देशवासियों को श्री राम मंदिर के निर्माण की हार्दिक बधाई!