Nazneen Yakub – Mumbai Uncensored, 8th June 2022
भारतीय जनता पार्टी की नेता नूपुर शर्मा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। नूपुर शर्मा द्वारा की गई मोहम्मद पैगंबर को लेकर कथित रूप से आहत करने वाली टिप्पणी पर कई इस्लामिक देश जैसे पाकिस्तान, सऊदी अरब, कतर, कुवैत और ईरान ने निंदा जताई है।
बीते रविवार को कतर, कुवैत और ईरान ने भारतीय दूतावास में इस मामले को लेकर अधिकारिक विरोध पत्र सौंपा था, जिसमें कहा गया है कि भारत सरकार से सार्वजनिक माफी और इन टिप्पणियों की तत्काल निंदा की उम्मीद की है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी इस अपत्तिजनक टिप्पणी पर निंदा जताते हुए कहा कि मैं अपने प्यारे पैगंबर के बारे में भारत के भाजपा नेता की आहत करने वाली टिप्पणियों की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं।
इस सिलसिले में भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने मीडिया के सामने कहा है कि दोनों देशों के राजदूतों के बीच बैठक हुई जिसमें धार्मिक शख़्सियत पर भारत के व्यक्तियों के ज़रिए आपत्तिजनक ट्वीट के संबंध में चिंता व्यक्त की गई ये ट्वीट किसी भी तरह से भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाते। ये शरारती तत्वों के विचार हैं।
भारतीय राजदूत ने बताया है ”हमारी सांस्कृतिक विरासत और अनेकता में एकता की मजबूत परंपराओं के अनुरूप भारत सरकार सभी धर्मों को अपना सर्वोच्च सम्मान देती है। अपमानजनक टिप्पणी करने वालों के ख़िलाफ़ पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है।”
इस मामले में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव एवं मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह ने कहा था कि बीजेपी किसी भी धर्म के पूजनीयों का अपमान स्वीकार नहीं करती है. किसी भी धर्म-संप्रदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला विचार स्वीकृत नहीं है।
तो वहीं कांग्रेस पार्टी के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बयान जारी किया कि बीजेपी के आज के बयान में ये कहा गया है कि वो ऐसी किसी विचारधारा के ख़िलाफ़ नहीं है जो किसी धर्म या संप्रदाय का अपमान करता है। यह खुले तौर पर नक़ली बहाना है जो कि स्पष्ट रूप से दिखता है और डैमेज कंट्रोल की कोशिश के अलावा और कुछ नहीं है। इसे ही कहते हैं- नौ सौ चूहे खा कर बिल्ली हज को चली।
‘बीजेपी और उसके सेनानी ने लगातार सोच समझ कर ध्रुवीकरण, विभाजन और नफ़रत फ़ैलाने के लिए लगातार एक समुदाय और धर्म को दूसरे के ख़िलाफ़ खड़ा करने का काम करते हुए भारत के सदियों पुरानी धारणा वसुधैव कुटुम्बकम का अपमान किया है।’
गौरतलब है कि बीजेपी नेता नूपुर शर्मा ने टाइम्स नाउ के एक पैनल में हिस्सा लिया था। जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हो रहे विवाद पर चर्चा की जा रही थी और अपनी बात रखी तो उसमें उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया जहां से ये पूरा विवाद शुरू हुआ।
नूपुर के ऊपर यह आरोप लगा कि उन्होंने पैग़ंबर मुहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी की और तब से उनके ख़िलाफ़ लगातार कार्रवाई की मांग की जा रही थी।
इसके अलावा एक और बीजेपी नेता नवीन जिंदल ने भी पैगंबर के बारे में ट्वीट करते हुए लिखा “नबी (मोहम्मद पैगंबर) के दुलारों से पूछना चाहता हूं कि तुम्हारा नबी 53 साल की उम्र में 6 साल की छोटी बच्ची आयशा के साथ शादी करता है। फिर 56 साल की उम्र में 9 साल की आयशा के संबंध बनाता है। क्या वह संबंध बलात्कार की श्रेणी में नहीं आता?’’ जिसके बाद अब उन्हें भी पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पार्टी से निष्कासित होने के बाद नवीन जिंदल ने कहा कि उनकी इच्छा किसी धर्म या समुदाय को ठेस पहुंचाने की नहीं है। उन्होंने सिर्फ सवाल पूछा था, किसी की भावनाओं को आहत नहीं किया। उन्होंने कहा कि जब कोई क्रिया होती है तो उसकी प्रतिक्रिया होती है।
तो वहीं नूपुर शर्मा पार्टी ने निलबिंत होने के बात अपने ट्वीटर अकाउंट से ट्वीट करती है कि मैं पिछले कई दिनों से टीवी डिबेट पर जा रही थी, जहां रोजाना मेरे आराध्य शिवजी का अपमान किया जा रहा था। मेरे सामने यह कहा जा रहा था कि वो शिवलिंग नहीं फुहारा है। दिल्ली के हर फुटपाथ पर बहुत शिवलिंग पाए जाते हैं, जाओ जा कर पूजा कर लो। मेरे सामने बार-बार इस प्रकार से हमारे महादेव शिव जी के अपमान को मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई और मैंने रोष में आकर कुछ चीजें कह दी। अगर मेरे शब्दों से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं। मेरी मंशा को कष्ट किसी को कष्ट पहुंचाने की कभी नहीं थी।
आपको बता दें कि नूपुर शर्मा द्वारा मोहम्मद पैंगबर के बारें में की गई टिप्पीणी को लेकर उत्तर प्रदेश के कानपुर में प्रदर्शन किया जा रहा था। इस प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई। जिसके बाद नूपुर को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।