Nazneen Yakub – Mumbai Uncensored, 20th June 2022
केंद्र सरकार ने 400 चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA)और कंपनी संचिवों (CS)पर अनुसशासनात्मक जांच की जाएगी। सीए और सीएस के ऊपर आरोप है कि वह चीनी कंपनियों के साथ शामिल है, उन्होंने कथित तौर पर मानदंडों की धज्जियां उड़ाई हैं।
दरअसल साल 2020 में गलवान की घटना के बाद चीनी व्यापारिक संस्थाओं के खिलाफ सरकार ने संदिग्ध कदम उठाए थे। जिससे संबंधित जांचों के आदेश जारी किए गए है।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी अखबार से बताया है कि जिन चार्टर्ड अकाउंटेंट और कंपनी सचिवों के खिलाफ अनुशासना्त्मक कार्रवाई शुरू की गई है, उन्होंने बड़ी संख्या में चीन के स्वामित्व वाली या चीनियों की ओर से बड़े शहरों में चलाई जाने वाली शेल कंपनियों को नियमों और कानून के पर्याप्त अनुपालन के बिना इनकॉर्पोरेट करने में मदद की थी। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने पिछले दो महीनों से वित्तीय खुफिया यूनिट से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर कार्रवाई की सिफारिश की है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट मामलों को देखने वाली वैधानिक संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने अखबार को दिए एक बयान में कहा है, ‘आईसीएआई का अनुशासनात्मक निदेशालय सीए प्रोफेशनलों के खिलाफ देश भर के विभिन्न रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज से शिकायतें प्राप्त कर रहा है, जो कि चीनी नागरिकों से जुड़ी कंपनियों के साथ उनके कथित रूप से ताल्लुकातों को लेकर है।’ हालांकि, आईसीएआई ने फिलहाल उनके कथित दोष को लेकर जांच पूरी होने से पहले किसी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
पिछले दो वर्षों में सरकार के सख्त कदमों के चलते चाइनीज कंपनियों से आने वाला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) एकदम गिर गया है, लेकिन पिछले साल दोनों के बीच द्विपक्षीय व्यापार रिकॉर्ड 125 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड के आंकड़ों के मुताबिक 2020 में अप्रैल से जून (साल 2000 से लेकर) के बीच चीन से एफडीआई 15,422 करोड़ रुपए था, लेकिन 2022 की पहली तिमाही में यह गिरकर 12,622 करोड़ रुपये तक आ चुका है।