Nazneen Yakub – Mumbai Uncensored, 29th June 2022
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA)ने मुंबई के एल्गार मामले में जमानत खारिज कर दी है। एल्गार परिषद- माओवादी मामले में सुरेंद्र गाडलिंग, रोना विल्सन, महेश राउत, सुधीर धवले और शोमा सेन की याचिका को 29 जून को एनआईए ने खारिज कर दिया है। आरोपियों द्वारा 2018 में पुणे की सत्र अदालत में तकनीकी आधार पर जमानत याचिका दायर की गई थी।
इस याचिका में आरोपियों ने दावा किया था कि मामले में आरोपपत्र दाखिल करने के लिए सत्र अदालत द्वारा 90 दिनों का विस्तार ‘‘अवैध’’ था। इसलिए, वे दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के तहत तकनीकी आधार पर जमानत के हकदार हैं।
एल्गार परिषद माओवादी मामला
एल्गार परिषद माओवादी मामला 31 दिसंबर 2017 का है जोकि पुणे में आयोजित ‘एत्गार परिषद’ सम्मेलन में हुआ था। इस सम्मेलन में कथित भड़काऊ भाषण दिए थे। इन भड़काऊ भाषणों के बाद पुणे पुलिस ने यह दावा किया था कि अगले दिन महाराष्ट्र शहर के बाहरी इलाके में स्थित कोरेगांव भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा हुई थी।
पुलिस ने दावा किया था कि कॉन्क्लेव को माओवादियों का समर्थन भी प्राप्त था। इस मामले में एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों को आरोपी बनाया गया है। इस केस को राष्ट्रीय जांच एजेंसी में सौप दिया गया था।